कांवड़ियों से जूझ रही उत्तराखंड पुलिस, हरिद्वार के 15 चेकपोस्ट से 26000 कांवड़िए भेजे गए वापस

2019 में कांवड़ यात्रा के दौरान उत्तराखंड में करीब 3।5 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे थे। इतनी संख्या के मद्देनज़र कोविड संक्रमण के खतरे के लिहाज़ से इसके बाद से कांवड़ यात्रा बंद है, लेकिन श्रद्धालु किसी तरह से उत्तराखंड में एंट्री की कोशिश कर रहे हैं और पुलिस उन्हें रोकने की।

हरिद्वार। इस साल कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद हज़ारों की संख्या में ऐसे लोग हरिद्वार पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं, जो पुलिस के मुताबिक छद्म भेष में कांवड़िए हो सकते हैं। प्रतिबंध न होता तो इस साल 25 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू होती और 7 अगस्त तक चलती, लेकिन प्रतिबंध के बावजूद पड़ोसी राज्यों से कई संभावित कांवड़िए हरिद्वार में प्रवेश की कोशिश करते दिख रहे हैं, जिन्हें बॉर्डरों पर ही रोकने की चुनौती से उत्तराखंड पुलिस जूझ रही है। पुलिस के आंकड़ों के साथ ही आपको बताते हैं कि किस तरह की स्थितियां बन रही हैं और किस तरह लोगों को रोका जा रहा है तो किन्हें प्रवेश दिया जा रहा है।

हरिद्वार पुलिस की एक रिपोर्ट में कहा गया कि बीते बुधवार तक शहर के 15 बॉर्डर चेक पोस्टों से पुलिस ने 26,217 कांवड़ियों को लौटाया। इस रिपोर्ट के हवाले से खबरें बता रही हैं कि हरिद्वार के मंडावर चेक पोस्ट से ही रोज़ाना औसतन 150 वाहनों को वापस भेजा जा रहा है। समझा जा सकता है कि कांवड़िए किस तरह हरिद्वार में एंट्री की कोशिश कर रहे हैं। जानिए कि चेक पोस्टों पर क्या आलम दिख रहा है।

लुधियाना से दो मोटरसाइ​किलों पर चार युवक हरिद्वार के मंडावर चेक पोस्ट पर पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें रोककर पूछताछ की। न उनके पास निगेटिव कोविड रिपोर्ट थी, न राज्य सरकार के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और न ही ऐसा कोई दस्तावेज़, जो हरिद्वार जाने का पर्याप्त कारण बताए। हालांकि वो कह रहे थे कि हर की पोड़ी पर सेवा कार्य के लिए जा रहे थे लेकिन पुलिस ने उनकी गाड़ियों के नंबर दर्ज कर उन्हें संभावित कांवड़िया मानकर वापस भेज दिया। अब देखिए कैसे एंट्री दी जा रही है।

हरियाणा के सिरसा से अस्थि कलश लेकर जब एक वाहन में लोग बॉर्डर पर पहुंचे तो पुलिस ने देखा कि एक वाहन में 11 लोग ठसाठस भरे थे और किसी के पास निगेटिव रिपोर्ट नहीं थी। पुलिस ने कहा कि सरकारी निर्देशों के अनुसार अस्थि विसर्जन के लिए चार लोगों को प्रवेश दिया जा सकता था। इन लोगों में चार को कोविड टेस्ट के बाद प्रवेश की अनुमति दी गई। क्या आपको पता है कि हरिद्वार में कांवड़ियों के लिए कितनी पुलिस फोर्स तैनात है?

मंडावर चेक पोस्ट पर ही 12 घंटे की शिफ्ट में करीब 20 पुलिसकर्मी हर समय रहते हैं। पूरे हरिद्वार में विभिन्न लोकेशनों पर 800 पुलिसकर्मी कांवड़ियों के लिए खास तौर पर तैनात हैं। ज़्यादातर कांवड़िए उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली से आते हैं इसलिए यहां के वाहनों को ज़रूर चेक किया जा रहा है। 25 जुलाई से 4 अगस्त तक कम से कम 31 एफआईआर दर्ज की गईं जबकि 15 कांवड़ियों को संस्थागत क्वारंटाइन किया गया। इस दौरान 1।93 लाख रुपये भी बतौर जुर्माना जमा किए गए।

 

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