मुख्यमंत्री धामी की विधानसभा अभी से बनी हॉट सीट, कितना बड़ा होगा मुकाबला?

खटीमा। सीएम पुष्कर धामी को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बने हुए एक महीना पूरा हो चुका है, लेकिन उनके सीएम बनने के साथ ही उनकी विधानसभा सीट खटीमा राज्य की राजनीति के केंद्र में आ गई थी। प्रदेश की आखिरी यानी 70वीं विधानसभा सीट खटीमा उत्तराखंड की राजनीति में बेहद दिलचस्प हो गई है। साल 2022 में मार्च के महीने में संभावित विधानसभा चुनावों से महीनों पहले भाजपा, कांग्रेस के अलावा चुनावी दंगल में पहली बार उत्तराखंड में उतर रही आम आदमी पार्टी के बड़े चेहरे भी खटीमा से ही तालुक रखते हैं।

प्रदेश में 2022 विधानसभा चुनाव से 6 महीने पहले ही खटीमा विधानसभा प्रदेश की राजनीति में नम्बर 1 बन गई है। खटीमा विधानसभा से विधायक पुष्कर धामी सीएम बने, तो वहीं 2017 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार रह चुके भुवन कापड़ी प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए। प्रदेश की राजनीति में अब तक कांग्रेस और भाजपा ही प्रमुख राजनीतिक दल रहे हैं, लेकिन इस बार आप भी चुनाव मैदान में है और इसका भी खटीमा से ताल्लुक साफ दिख रहा है।

आगामी विधानसभा चुनाव में खटीमा विधानसभा सीट तीनों मुख्य पार्टियों के लिए अहम हो गई है।

क्या बन रहा ​है त्रिकोणीय गणित?
सीएम बनने के बाद धामी अपने पहले खटीमा दौरे पर ही खटीमा को प्रदेश की नम्बर 1 विधानसभा बनाने का दावा कर गए, तो कांग्रेस के कापड़ी 2022 चुनाव में फिर से सीएम के खिलाफ चुनाव लड़ने के संकेत दे रहें हैं। इन दो प्रमुख चेहरों से खटीमा हॉट सीट नहीं बन गई बल्कि आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और एक तरह से उत्तराखंड में आप का चेहरा एसएस कलेर खटीमा के मझोला दाह फार्म में रहते हैं। यानी यहां उनका भी अपना एक आधार है।

इस पूरे समीकरण में साफ है कि खटीमा सीट तीनों पार्टियों के शीर्ष पंक्ति के नेताओं की साख का सवाल बन चुकी है। सीएम धामी के खास माने जाने वाले स्वामी यतीश्वरानंद ऊधम सिंह नगर ज़िले के प्रभारी मंत्री हैं, जो ज़िले की सभी 9 सीटों पर फिर भाजपा का परचम लहराने का दावा कर चुके हैं। अब चर्चा यही है कि हॉट सीट खटीमा में 2022 का विधानसभा चुनाव प्रदेश की राजननीति की तस्वीर बदलने वाला होगा।

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