आज भगवान् बदरीनाथ धाम के कपाट दोपहर करीब 3 :30 पर कार्तिक शुक्ल पंचमी उत्तराषाढा नक्षत्र अभिजीत मुहूर्त में शीतकाल के लिए विधि-विधान से बंद किये गए । पांच हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किये। इस अवसर पर मंदिर को फूलो से सजाया गया था साथ ही भंडारे भी आयोजित किये गए। इससे पहले गंगोत्री मंदिर के कपाट दिवाली के अगले दिन 15 नवंबर को अन्नकूट पर्व पर बंद हो गये। वहीं, 16 नवंबर को भाईदूज के पर्व पर केदारनाथ और यमुनोत्री मंदिर के कपाट बंद हुएआपको बतादें बदरीनाथ धाम में अभी बर्फ जमी हुई है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर अपने संदेश में देश- विदेश के श्रद्धालुओं को बधाई दी है और लोक मंगल की कामना की।
कपाट बंद होने से पूर्व भगवान को ऊन का लबादा पहनाया गया
देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी.सिंह ने कहा कि संपूर्ण यात्राकाल में कोरोना संक्रमण की गाइडलाइन्स का पालन हुआ। सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान भी रखा गया। साथ ही तीर्थ यात्रियों को सुलभ दर्शन भी कराये गए। कपाट बंद होने से पूर्व भगवान को ऊन का लबादा पहनाया गया। इस ऊन के लबादे पर घी लगाया जाता है. यहां पर भक्त और भगवान की आत्मीयता और लगाव के दर्शन होते हैं।