त्रिवेंद्र सरकार के साढ़े तीन साल हुए पूरे

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड में मुख्यमंत्री के तौर पर साढ़े तीन साल पूरे कर चुके हैं। नारायण दत्त तिवारी के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड में स्थिर और इतनी अवधि तक सरकार चला पाए हैं क्योंकि उत्तराखंड में जितनी भी अब तक की सरकार आई है वह इतनी अवधि का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। आपको बतादें इस कार्यकाल में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कई एहम और बड़े फैसले लिए। जानिये मुख्यमंत्री के 10 एहम फैसले।

1. जनभावनाओं की राजधानी: गैरसैंण को राज्य जी ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करके जनभावनाओं का ख्याल रखा।
2. चारधाम देवस्थानम बोर्ड गठित : चार धाम यात्रा के सफल व बेहतर प्रबंधन के लिए चार धाम देवस्थानम बर्ड का गठन किया गया। इससे बद्री केदार, गंगोत्री यमुनोत्री के अलावा 51 बड़े मंदिरों के रखरखाव और प्रबंधन की जिम्मेदारी सरकार को मिली।
3 .अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना : आयुष्मान भारत की तर्ज पर प्रदेश के समस्त परिवारों को सालाना 5 लाख रुपए तक का निशुल्क इलाज उपलब्ध कराने हेतु अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना लागू की गई। अपने राज्य के समस्त परिवारों को सुरक्षा कवच देने वाला उत्तराखण्ड पहला राज्य बना। अब तक 2 लाख से ज्यादा लोग मुफ्त उपचार करवा चुके हैं।
4. स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार : साल 2017 में प्रदेश में 1031 डॉक्टर थे जिनकी संख्या अब बढ़कर 2600 के करीब हो गई है। 400 डॉक्टरों को केवल कोरोना काल मे ही नियुक्ति दी गई है। हर जिला अस्पताल में ICU की सुविधा है।
5. ग्रोथ सेंटर : ग्रामीण संसाधनों से लोकल इकोनॉमी जुटाने का तथा स्वरोजगार से जोड़ने के लिए करीब 100 ग्रोथ सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं।
6. सभी 13 जिलों में 13 नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन : पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 13 जिलों में 13 नए थीम बेस्ड टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित किए जा रहे हैं। टिहरी झील, गूलरभोज जलाशय, ट्यूलिप गार्डन प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं।
7. होम स्टे : ग्रामीण पर्यटन को मजबूत करने के लिए राज्य में 5000 होमस्टे बनाने का लक्ष्य है, जिसमे से अभी तक 2,100 होमस्टे बनाये जा चुके हैं।
8. इन्वेस्टर्स समिट : राज्य में उद्योगों और निवेश को विस्तार देने के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस सुविधा लागू है। इनमें से भी अब तक 21 हजार करोड़ के निवेश प्रोजेक्ट ग्राउंडेड हो चुके हैं।
9. फ़िल्म पॉलिसी :उत्तराखण्ड में फ़िल्म निर्माण की संभावनाओं को देखते हुए फ़िल्म नीति लाई गई। इससे फिल्मकारों को कई तरह की रियायतें दी जा रही हैं। पिछले 3 साल में राज्य में 250 से अधिक फिल्मों व सीरियल्स की शूटिंग हो चुकी है। इससे स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिल रहा है।
10. कोरोना से जंग : उत्तराखण्ड सरकार ने कोरोना से लड़ने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए हैं। लॉकडाउन पीरियड में कोई भूखा नहीं रहे इसका ख्याल रखा, प्रदेश में रह रहे अन्य प्रदेशों के मजदूरों को कभी भूखा नहीं सोने दिया, उनको उनके घर तक पहुंचाने के पर्याप्त इंतजाम किए। अन्य राज्यों से प्रवासी उत्तराखण्डियों को लाने के लिए भी सभी व्यवस्थायें की। कोरोना काल मे हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया गया। आज राज्य में कोरोना मरीजों की देखभाल और इलाज के लिए 5 डेडिकेटेड कोविड अस्पताल, 10 डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर और 94 कोविड केयर सेंटर स्थापित किए गए हैं।
11. मुख्यमन्त्री स्वरोजगार योजना : कोरोना के कारण घर लौटे प्रवासियों को घर मे काम देना प्राथमिकता रही है। राज्य के अधिक से अधिक युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की गई है। इसके तहत अपना कोई भी काम शुरू करने के लिए ऋण लेने पर 25%तक सब्सिडी दी जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *