प्रदेश : गरीब बच्चों के इलाज के लिए सूद पोर्टल पर कराएं रजिस्ट्रेशन

नैनीताल में स्वस्थ और संस्कारवान बच्चे राष्ट्र की धरोहर हैं। पर्वतीय क्षेत्र के दुर्गम ईलाके के बाशिन्दों के अवाला वहाॅ के बच्चे असाध्य रोगो से ग्रसित हो जाते हैं और संसाधनों और जानकारी के अभाव में इन रोगग्रस्त बच्चों में छिपी प्रतिभाऐं विकसित नहीं हो पाती हैं। कहा जाए तो देश का हर बच्चा जहाॅ वह देश का भविष्य है वहीं वह सूद (ब्याज) भी है। ऐसे बच्चों के चिन्हीकरण और उनके बेहतर आधुनिकतम ईलाज के लिए जिलाधिकारी बंसल ने सूद एप की परिकल्पना की और इस सूद एप का उद्घाटन गुजरे साल दिसम्बर में सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा किया गया और उन्होंने जिलाधिकारी की इस पहल की खुले दिल से तारीफ भी की। गुजरे कुछ समय पहले मुख्य सचिव के समक्ष जिलाधिकारी बंसल ने नैनीताल में सूद पोर्टल के जरिये असाध्य रोगो से ग्रसित बच्चों के ईलाज का पाॅवर प्रजेंटेशन किया था। मुख्य सचिव ने निर्णय लिया की प्रदेश के सभी जिलों में नैनीताल की तरह सूद एप के जरिये गरीब असाध्य रोगों से ग्रसित बच्चों का ईलाज किया जायेगा। मुख्य सचिव ने भी बंसल के इस प्रयास की तारीफ की थी।
बंसल के प्रयासों से राष्ट्री बाल सुरक्षा कार्यक्रम के तहत असाध्य रोगों से ग्रसित बच्चों के चिन्हीकरण का कार्य आरबीएसके टीम सदस्यों द्वारा किया जा रहा है और इस प्रकार के बच्चों की जानकारी सूद पोर्टल पर अपलोड की जा रही है। ऐसे बच्चों की जानकारी और निगारी जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी, प्रभारी चिकित्साधिकारी द्वारा नियमित रूप से की जा रही है। इस एप के जरिये अब तक 17 असाध्य रोगों से ग्रसित बच्चों का ईलाज सफलतापूर्वक किया जा चुका है। 10 ग्रसित बच्चों का ईलाज राजधानी के मैक्स और जोलीग्राण्ट अस्पतालों में सफलतापूर्वक हुआ है। जबकि 7 बच्चों का ईलाज बेस चिकित्सालय हल्द्वानी में हुआ है। इन बच्चों के ईलाज का सारा खर्चा जिला प्रशासन द्वारा वहन किया गया है। आर्थिक रूप से कमजोर माता-पिता के सामने असाध्य रोग से ग्रसित बच्चों का ईलाज कराना एक यक्ष प्रश्न रहा है। इस कठिनाई को समझते हुए जिलाधिकारी ने बीमार बच्चों और उनके माता-पिता को हल्द्वानी ,देहरादून के अस्पतालों में ईलाज के लिए दो किराये के वाहन भी उपलब्ध कराये है। इससे माता-पिता को राहत हुई है वहीं माता-पिता , बीमार बच्चे के साथ आरबीएसके टीम का एक सदस्य भी जाता है, जोकि ईलाज पूरा होने तक उनके साथ रहता है।
यूॅ तो प्रशासन द्वारा समय समय पर आयोजित होने वाले बहुद्देशीय शिविरों में जन समस्याओं का निराकरण होता है लेकिन जनपद के पर्वतीय ईलाकों के दूरस्थ क्षेत्रों में जो बहुद्देशीय शिविर आयोजित हुए उनमें असाध्य बीमारियों से ग्रसित 10 बच्चे चिन्हित किये गये जिनका सफलतम ईलाज बेस चिकित्सालय, मैक्स चिकित्सालय और जोलीग्राण्ट चिकित्सालयों में सम्पन्न हुआ और बच्चे स्वस्थ होकर अपने घरों को लोटे। इन बच्चों के ईलाज पर हुआ सारा व्यय जिलाधिकारी द्वारा वहन किया गया। सोमवार को दूरस्थ ग्राम अघरिया में आयोजित बहुद्देशीय शिविर में भी कार्डियक डिस आर्डर , न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट, कंवलसिव डिस ओर्डर और डीफ एण्ड डम (मूक बधिर) बीमारियों से ग्रसित चार बच्चे मनीष, लक्षमी, कंचन कुमार, दीपांशु बिष्ट चिन्हित हुए, इन सभी बच्चों को परीक्षण के लिए जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी अनुराग आर्या के माध्यम से बेस चिकित्सालय हल्द्वानी को भिजवाया है। हल्द्वानी में परीक्षण के उपरान्त यदि उच्च ईलाज की आवश्यकता पड़ी तो इन्हे देहरादून सरकारी खर्चे पर भेजा जायेगा।
सूद पोर्टल के माध्यम से जनपद में कुपोषित अति कुपोषित बच्चों की ट्रेकिंग और उसको पोर्टल पर अपलोड करने का काम आरबीएसके सदस्यों द्वारा निरन्तर किया जा रहा है। टीम सदस्य, आगनबाड़ी कार्यकर्ती और एएनएम जनपद के आंगनबाड़ी केन्द्रों , जिले के दुर्गम ईलाकों में भ्रमण कर अतिकुपोषित और असाध्य रोगो से ग्रसित बच्चों की ट्रेकिंग एवं चिन्हीकरण का कार्य कर रही हैं। उच्च ईलाज के लिए जिलाधिकारी द्वारा वाहन की भी व्यवस्था की गयी है जोकि सुःखद पहलू है। बीमार बच्चों का उच्च ईलाज देहरादून के बड़े अस्पतालों के अलावा एम्स ऋषिकेश में भी होगा। इस प्रकार ईलाज से वंचित गरीब लोगों के बच्चे जिलाधिकारी की इस पहल से मुफ्त उच्च स्तरीय ईलाज पा रहे हैं। निश्चय ही इस प्रकार के बच्चों की ट्रेकिंग के लिए सूद पोर्टल रामबाण सिद्ध हो रहा है।

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