पीएम और सीएम में दिखी जबरदस्त ‘केमिस्ट्री’

देहरादून। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की छवि एक बेहद गंभीर, सरल, सहज और सौम्य नेता की है, जब वो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ होते हैं तो दोनों की केमिस्ट्री देखते ही बनती है। दोनों नेताओं के बीच दलीय सम्बंध से इतर अपनेपन का एक रिश्ता है। मोदी जब भी उत्तराखण्ड आए उन्होंने सार्वजनिक मंच से धामी को जबरदस्त दुलार और आशीर्वाद दिया। अबकी बार तो माणा में आयोजित जनसभा में पीएम मोदी ने अपने भाषण में सीएम धामी के उस कथन पर मुहर लगा दी जिसमें सीमांत गांव को ‘अंतिम’ के बजाए ‘पहला’ गांव कहा गया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भाषण बेहद नपा तुला और धारा प्रवाह होता है। शब्दों की तुकबंदी और तारतम्य से वह अपनी बात सीधे जनता के मन तक पहुंचा देते हैं। इस बार उन्होंने ‘रेल, रोड़, रोपवे और रोज़गार’ की बात कहकर ये संदेश दिया कि उत्तराखण्ड में अवस्थापना विकास की जो नींव रखी जा रही है, उससे यहां रोजगार का सृजन करना उसके मूल में है। ऐसे बहुत कम मौके आते हैं जब मोदी अपने से पूर्व वक्त की बात को आत्मसात करते हैं। माणा में मोदी ने कहा कि मैं पुष्कर सिंह धामी की बात से सहमत हूं कि बॉर्डर विलेज को अंतिम नहीं बल्कि देश का पहला गांव कहा जाना चाहिए।
दरअसल, मोदी जब–जब उत्तराखण्ड आए उन्होंने अपने संबोधन में युवा, ऊर्जावान, विकास के लिए समर्पित जैसे शब्दों से पुष्कर सिंह धामी की जानकर तारीफ की। इस बार मोदी ने कहा धामी ऐसे युवा नेता हैं जिनके चेहरे पर हमेशा स्वीत रहता है। उनकी इन बातों से स्पष्ट है कि मोदी और धामी के रिश्तों में गजब का सामंजस्य है और नए उत्तराखण्ड और नए भारत के निर्माण के लिए दोनों साथ–साथ कदमताल करने के लिए सदैव तत्पर व तैयार हैं।

इधर, मुख्यमंत्री धामी भी आज अपने भाषण के दौरान पूरी रौ में नजर आए। प्रधानमंत्री मोदी के सामने पूरे आत्मविश्वास के साथ उन्होंने अपनी हर बात रखी। धामी ने बताया कि उनकी सरकार किस तरह समाज के हर तबके को साथ लेकर प्रदेश का विकास कर रही है। उनकी सरकार का आगे का रोड मैप क्या है और केंद्र सरकार से उन्हें क्या अपेक्षा है। लगे हाथ प्रधानमंत्री मोदी ने भी उत्तराखण्ड के विकास के लिए हर संभव योगदान का ठोस आश्वासन देवभूमि की जनता को दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *