आज से 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए खोला जाएगा स्कूल

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि आज यानि 2 नवम्बर से विधिवत स्कूल खुलेंगे इसके लिए राज्य सरकार ने एसओपी जारी कर दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी स्कूलों में सिर्फ 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए स्कूल खोला जाएगा। आगे के हालातों को देखते हुए निर्णय लिया जाएगा। स्कूल खोलने को लेकर शिक्षा विभाग की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। शिक्षा निदेशक आरके कुंवर के मुताबिक सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों, जिला शिक्षा खंड शिक्षा और उप शिक्षा अधिकारियों को शासन की गाइड लाइन के हिसाब से पूरी तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं। शिक्षा निदेशक ने कहा कि सभी स्कूलों को सैनिटाइज किया गया है। बच्चों का तापमान मापने के लिए थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था की गई है। यह भी निर्देश दिए गए हैं कि जिन स्कूलों में बच्चों की संख्या अधिक है। उन स्कूलों में दो शिफ्ट में कक्षाएं चलाई जाए। राजकीय प्रिंसिपल एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष एसएस बिष्ट के मुताबिक, स्कूल खोलने से पहले स्कूल प्रिंसिपल की ओर से अभिभावकों की लिखित सहमति ली गई है। दावा है कि अभिभावकों को बच्चों को स्कूल भेजने में आपत्ति नहीं है। वहीं स्कूलों की ओर से अभिभावकों को बताया गया है कि स्कूल आने के दौरान उनके बच्चे किस तरह की सावधानी बरतें। बच्चों को मास्क पहनकर भेजा जाए। यदि संभव हो तो बच्चे सैनिटाइजर लेकर स्कूल आएं।
पहले दिन 50 फीसदी तक बच्चों के आने की संभावना
राजकीय प्रिंसिपल एसोसिएशन के अध्यक्ष एसएस बिष्ट के मुताबिक, पहले दिन 50 फीसदी बच्चों के स्कूल आने की संभावना है। हालांकि स्कूलों की ओर से बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए बैठाने सहित सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। वहीं ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था भी जारी रहेगी।
अशासकीय स्कूल खुलेंगे, भरे जाएंगे परीक्षा फार्म
उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष डा.अनिल शर्मा के मुताबिक प्रदेश में कोरोना काल के चलते बोर्ड के बच्चों के परीक्षा फार्म नहीं भर पाए हैं। दो नवंबर से स्कूल खुलने पर बच्चों के परीक्षा फार्म भरवाए जाएंगे। अशासकीय स्कूलों की ओर से स्कूल खोले जाने को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। अधिकतर स्कूलों ने एक बैंच पर एक बच्चे के बैठने की व्यवस्था की है। हालांकि छह फिट की दूरी पर सभी बच्चों को बैठा पाना आसान नहीं होगा। फिर भी स्कूलों की ओर से सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
स्कूल भेजने को तैयार नहीं अभिभावक
सरकार ने भले ही दो नवंबर से 10वीं और 12वीं छात्रों के लिए स्कूल खोलने की मंजूरी दे दी है, लेकिन अभिभावक बच्चों को भेजने के लिए तैयार नहीं है। यही कारण है कि ज्यादातर प्राइवेट स्कूल अभी असमंजस की स्थिति में हैं। प्रिंसिपल प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन (पीपीएसए) के अध्यक्ष प्रेम कश्यप अनुसार दो नवंबर को 10 फीसदी से भी कम स्कूलों के खुलने के आसार हैं। बताया कि ज्यादातर प्राइवेट स्कूलों ने सरकार की एसओपी के प्रावधानों पर चिंता जताई थी, जिसे बाद में ठीक कर लिया गया है। स्कूल खोलने को लेकर अभिभावकों की राय ली जा रही है, लेकिन ज्यादातर अभिभावक अभी भी बच्चों को भेजने को तैयार नहीं हैं। कुछ स्कूल कितनी भी छात्र संख्या पर खोलने को तैयार हैं। वो स्कूल में पढ़ाई का ही ऑनलाइन का ऑनलाइन भी प्रसारण करेंगे। वैसे भी शिक्षा विभाग के अधिकारी अगले कुछ दिनों में निरीक्षण करने आएंगे। उसके बाद कुछ अन्य स्कूल खुल सकते हैं।

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