छेड़छाड़ की शिकार हुई नाबालिक के महिला कांस्टेबल ने उतरवाए कपड़े, पढ़िए पूरा मामला

कानपुर। छेड़छाड़ की शिकार मेरी बेटी के साढ़े थाने में जांच के नाम पर आरोपी के सामने कपड़े उतरवाए गए। महिला कांस्टेबल ने फोटो भी खींचे। घटना से मेरी बेटी इस कदर डर गई कि उसे दौरे पड़ने लगे। तीन दिन से हैलट अस्पताल में भर्ती है। यह पीड़ा साढ़ थाना क्षेत्र निवासी किसान पिता की है। उनका कहना है कि बेटी से छेड़छाड़ करने वाले आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद बेटी को ही पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया था। यहां पर महिला कांस्टेबल ने आरोपी के सामने ही बेटी के साथ इस तरह की हरकत की। उधर, पुलिस कमिश्नर ने एडीसीपी साउथ और एसीपी घाटमपुर को संयुक्त रूप से जांच के आदेश दिए हैं। किसान पिता ने बताया कि उनकी 16 साल की बेटी हाईस्कूल की छात्रा है।

गांव में रहने वाला अमन कुरील बेटी को स्कूल आते-जाते या घर से निकलने पर छेड़खानी करता है। उनकी बेटी की फोटो भी एडिट कर अश्लील बनाकर वायरल कर दिया था। एक दिन फोन छीनकर उससे मारपीट भी की थी। घर में शिकायत करने के बाद भी अमन अपनी हरकतों से बाज नहीं आया तो तीन सितंबर को साढ़ थाने में उसके खिलाफ तहरीर दी। पुलिस ने अमन के खिलाफ छेड़खानी, पॉक्सो एक्ट और जान से मारने की धमकी समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया था। आरोप है कि पुलिस ने बेटी को भी थाने बुलाया। यहां महिला कांस्टेबल ने जांच के नाम पर आरोपी के सामने ही बेटी के कपड़े उतरवा दिए। इससे वह तनाव में आ गई और तबीयत बिगड़ गई।

तीन दिन से वह हैलट में भर्ती है। एडीसीपी साउथ अंकिता शर्मा ने बताया कि प्राथमिक जांच में आरोपों की पुष्टि नहीं हुई है। फिर भी एसीपी घाटमपुर के साथ मिलकर संयुक्त रूप से मामले की जांच की जाएगी। आरोप सही पाए जाते हैं तो जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने पीड़िता की मदद करने के बजाय नियमों को ही पूरी तरह से तोड़ दिया। सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश हैं कि किसी भी नाबालिग को न तो थाने लाया जा सकता है और न ही उससे वर्दी में पूछताछ की जा सकती है।

इस मामले में नाबालिग पीड़िता को थाने भी बुलाया गया और उससे वर्दी पहने पुलिस वालों ने पूछताछ की। छात्रा हैलट के बाल रोग अस्पताल में भर्ती है। जीएसवीएम कॉलेज के बालरोग विभागाध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार आर्या ने बताया कि बच्ची डरी हुई थी। जिसकी वजह से उसे झटके आ रहे थे। अब उसकी स्तिथि स्थिर हो गई है। इसके साथ ही स्त्री रोग विशेषज्ञ से उसकी जांच कराने के लिए कहा गया है।

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