दुग्ध उत्पादकों की आर्थिकी मजबूत करने के लिए 7000 डेयरी खोलने का लक्ष्य : डॉ धन सिंह रावत

प्रदेश के उच्च शिक्षा, सहकारिता, प्रोटोकॉल और दुग्ध विकास मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने आज बागेश्वर में दुग्ध उत्पादकों की आर्थिकी को मजबूत करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए कमेड़ी में 24 लाख 49 हजार की लागत से निर्मित ए-2 मिल्क ग्रोथ सेंटर (दुग्ध पदार्थ निर्माण प्लांप्लां) का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि किसानों की आय दुगनी करने के लिए सरकार की ओर से कई महत्वाकांक्षी योजनायें संचालित की जा रही है। उन्होंने कहा कि जनपद में दुग्ध उत्पादन की अपार संभावनायें है। जिसके लिए प्रदेश में 7000 दुग्ध डेयरी देने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें 3, 5 और 50 पशुओं के माध्यम से डेयरी खोल सकते है, इससे लगभग 35 हजार बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध होंगा। अभी तक जनपद बागेश्वर से दुग्ध अल्मोड़ा जाता था और अल्मोड़ा से पैकिंग करके पुन: बागेश्वर आता था अब इस समस्या से निजात मिलेगी, और दुग्ध पैकेजिंग सहित अन्य आवश्यक सुविधायें कमेड़ी में उपलब्ध करायी गयी है, जिसके लिए सभी मशीने और उपकरण दिये गये है
दुग्ध विकास मंत्री कहा कि सरकार मुख्यमंत्री अमृत ऑचल योजना के अन्तर्गत राज्य के आगनबाड़ी केन्द्रों में 1 लाख 42 हजार बच्चों को तथा प्राइमरी स्कूलों में मध्याह्न भोजन में 7 लाख बच्चों को नि:शुल्क ऑंचल दुध उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादकों की आय दुगनी करने के लिए सरकार द्वारा प्रति लीटर पर 4 रूपये अतिरिक्त दिया जा रहा है ,जिसमें अब तक प्रदेश में 37 करोड़ रूपये पशुपालकों को नि:शुल्क दिये जा चुके है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पशु आहार की समस्या को दूर करने के लिए हरिद्वार में 200 है। जमीन पर सेवन घास उगा रहे है। जिसमें प्रदेश सरकार 50 प्रतिशत अनुदान पर पशु आहार पशुपालकों उपलब्ध करा रही है और इस बार पशुपालकों को 30 हजार दुधारू पशु अन्य राज्यों से लाकर पशुपालकों को देने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही प्रदेश के पशु पालकों को 10 हजार कैन नि:शुल्क उपलब्ध कराये जा रहे है। इस अवसर पर दुग्ध विकास मंत्री ने गंगा गाय महिला डेयरी योजना के अन्तर्गत जनपद के 12 पशुपालकों को 20-20 हजार रूपये के चैक अनुदान के रूप में उपलब्ध कराये गये है और 2 डेयरी संचालकों को रिफ्रिजरेटर उपलब्ध कराये गये है।

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