अभी तक एक लाख पैंतीस हजार से अधिक तीर्थयात्री चारधाम के कर चुके है दर्शन

प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और पर्यटन-धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज के दिशा-निर्देश में उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड द्वारा प्रदेश के लोगों के लिए चार धाम यात्रा का 1 जुलाई से शुभारंभ हुआ जबकि 25 जुलाई से कुछ प्रावधानों के साथ चार धाम यात्रा सभी के लिए शुरू हुई। ज्ञातब्य है कि प्रदेश के मुख्य सचिव ओमप्रकाश और पर्यटन- सचिव दिलीप जावलकर ने चारधाम यात्रा को सुचारू किये जाने के लिए सरकार के निर्णयों का बेहतर कार्यान्वयन किया है।
विगत दिनों देवस्थानम बोर्ड द्वारा चार धाम तीर्थयात्रा हेतु उत्तराखंड से बाहर के तीर्थ यात्री 72 घंटे पूर्व की इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) से प्रमाणित लैब से कोरोना जांच की नैगेटिव रिपोर्ट अथवा क्वारंटीन अवधि का प्रमाण के मानक को समाप्त कर दिया गया है। अब स्वास्थ्य मानको का पालन कर देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट से देश के अन्य प्रांतों के लोग आसानी से चारधाम यात्रा ई पास बना रहे है। आज शाम तक उत्तराखंड देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड की वेबसाइट www.badrinath-kedarnath.gov. in से 2,522 लोगों ने चार धामों लिए ई -पास बुक कराये हैं। जिसमें श्री बदरीनाथ धाम के लिए 737 ,श्री केदारनाथ धाम के लिए 1513 ,श्री गंगोत्री धाम के लिए 131 ,श्री यमुनोत्री धाम के लिए 141 लोगों ने ई पास बुक कराये है। उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने यह जानकारी दी है कि देवस्थानम बोर्ड द्वारा श्री यमुनोत्री धाम और गंगोत्री धाम में न्यासियों/ हकूकधारियों के सहयोग के लिए देवस्थानम बोर्ड के अधिकारियों/कर्मचारियों की तैनाती की है। उन्होंने कहा कि देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड अधिनियम के तहत हक हकूकधारियों के सभी हित सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि देवस्थानम द्वारा कुछ दिनों पहले प्रदेश से बाहर लोगों को कोरोना निगेटिव जांच रिपोर्ट और क्वारंटीन की शर्तों को हटा दिया गया है। जिससे ई पास की संख्या बढ़ी है। इसी के मद्देनजर चमोली, रूद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलाधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर चारों धामों में अधिक तीर्थयात्रियों को आने की अनुमति दी गयी है। इसी अनुसार तीर्थयात्रियों के लिए स्वास्थ्य, आवास, भोजन, परिवहन सहित आवश्यक सुविधाएं जुटायी गयी हैं। अब श्री बदरीनाथ धाम के लिए 3000 ,श्री केदारनाथ के लिए 3000 ,श्री गंगोत्री 900 और श्री यमुनोत्री 700 तीर्थयात्री प्रति दिन दर्शन को पहुंच सकते है। इस तरह 7,600 तीर्थयात्री चार धाम दर्शन के लिए आ सकेंगे। इसमें हेलीकॉप्टर से आनेवाले तीर्थयात्रियों की संख्या शामिल नहीं है। पहले यह संख्या चारों धामों के लिए 3,000 मात्र थी। चारधाम यात्रा के अच्छे परिणाम आये हैं। कोरोना महामारी से बचाव और रोकथाम के लिए थर्मल स्क्रीनिंग, सेनेटाइजेशन के पश्चात ही मंदिरों में तीर्थ यात्रियों को प्रवेश दिया जा रहा है। मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है अभी मंदिरों में निर्धारित दूरी से देव दर्शन हो रहे हैं ताकि शोसियल डिस्टेंसिंग बनी रहे तथा कोरोना बचाव के मानकों का पालन हो सके। यात्रा मार्ग पर देवस्थानम बोर्ड के यात्री विश्राम गृहों को तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए खोला जा चुका है।
आवास के अलावा स्वास्थ्य सुविधाओं, जन सुविधाओं आदि की व्यवस्थायें चाकचौबंद की गयी है। तीर्थयात्रियों से अपेक्षा की जा रही है कि अति आवश्यक होने पर ही धामों में रूके। यह कोशिश रहे कि दर्शन के पश्चात तीर्थ यात्री निकटवर्ती स्टेशनों तक वापस आ जाये। मौसम तथा सड़कों की स्थिति की जानकारी रखें। सड़को की स्थितिअब सामान्य है। यात्रा मार्ग खुले हुए हैं। भूस्खलन से बाधित जानकीचट्टी-यमुनोत्री पैदल मार्ग को वेकल्पिक रूप से ठीक कर दिया गया है। अब यात्रा सुचारू हो गयी है।

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