ऋषिगंगा जलप्रलय के बाद सुरंग में फंसे 33 लोगों को बचाने के लिए राहत और बचाव अभियान लगातार जारी है। आर्मी, आईटीबीपी और एनडीआरएफ के जवान सुरंग से मलबा हटाने में जुटे हैं। इस सुरंग मेंएक प्रोजेक्ट मैनेजर, दो सिविल इंजीनियर व 31 श्रमिक फंसे हैं। यह कार्य बेहद मुश्किल है। इस बीच देश भर के लोग सुरंग में फंसे लोगों के लिए दुआ कर रहे हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने राहत और बचाव कार्य के साथ ही प्रभावितों के लिए 20 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की है। उन्होंने कहा कि इसरो से मिली जानकारी के अनुसार यह जलप्रलय एवलांच यानी बर्फीले तूफान से आई। मुख्यमंत्री ने अफसरों के साथ राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा बैठक की।
– केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री राजकुमार सिंह ने आपदाग्रस्त रैणी एवं तपोवन क्षेत्र में स्थिति का जायजा लिया। लौटते समय जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट देहरादून में उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में हुए नुकसान के कारणों की इसरो की इमेजेज के आधार पर एनटीपीसी, टीएचडीसी एवं एसजेवीएनएल के पदाधिकारी अध्ययन करेंगे। इनकी एक टीम पैदल भी क्षेत्र को भ्रमण के लिये जायेगी। उन्होंने कहा कि ऐसी आपदाओं की पूर्व जानकारी के लिये जिन हिल स्टेट में एनटीपीसी आदि के पावर प्रोजेक्ट हैं वहां पर प्रोजेक्ट के साथ ही स्थानीय लोगों के व्यापक हित में अर्ली वार्निग सिस्टम प्रणाली उपलब्ध करायी जायेगी। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में भारी हिमपात के कारण उत्पन्न हिमस्खलन आदि की घटनाओं की पूर्व में जानकारी उपलब्ध हो सकेगी।