पश्चिम बंगाल: राज्य के बंटवारे को लेकर BJP में दो फाड़, राहुल सिन्हा बोले ये साजिश है

कोलकाता। ऐसा लग रहा है कि उत्तर बंगाल के लिए अलग केंद्रशासित प्रदेश की मांग को लेकर बीजेपी के नेता दो धड़ों में बंट गए हैं। राज्य में बीजेपी के सीनियर नेता राहुल सिन्हा ने कहा है कि बंगाल को विभाजित करने की साजिश पर विचार नहीं किया जाना चाहिए। इससे पहले भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने राज्य के बंटवारे का समर्थन किया था। उन्होंने कहा है कि उत्तर बंगाल के साथ न्याय नहीं हुआ है। बता दें कि सबसे पहले उत्तर बंगाल को केंद्रशासित प्रदेश बनाने की मांग भाजपा के अलीपुरद्वार के सांसद और केंद्रीय मंत्री जॉन बारला ने उठाई थी।

रक्षा बंधन के अवसर पर पत्रकारों से बात करते हुए राहुल सिन्हा ने दावा किया कि इस मुद्दे पर पार्टी का कोई स्टैंड नहीं है। उन्होंने कहा, ‘रवींद्रनाथ टैगोर ने बंगाल के विभाजन के विरोध में रक्षा बंधन की शुरुआत की थी। तब से, इस अवसर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मूल्य हैं। इसका राजनीतिक और भौगोलिक महत्व है क्योंकि इस अवसर को लोगों और प्रांत को एकजुट रखने के लिए मनाया जाता था। बंगाल को बांटने की साजिश पर विचार नहीं किया जाना चाहिए। राज्य को विभाजित करने का कोई सवाल ही नहीं है क्योंकि ऐसा कोई मुद्दा नहीं है। राज्य को विभाजित करने के लिए कोई राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय नीति भी नहीं है। हमारी पार्टी का भी राज्य को बांटने का कोई स्टैंड नहीं है। बंगाल आज जैसा है वैसा ही रहेगा ।

क्या कहा था दिलीप घोष ने?
इससे पहले दिलीप घोष ने पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्से में विकास नहीं होने के लिए ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार पर दोष मढ़ा। अलीपुरद्वार के सांसद का बचाव करते हुए घोष ने कहा, ‘अगर एक अलग उत्तर बंगाल या जंगलमहल की मांग जोर पकड़ती है, तो इसकी जिम्मेदारी ममता बनर्जी को लेनी होगी।’ घोष ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेतृत्व वाली सरकार ने उत्तर बंगाल या जंगलमहल में विकास के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘इन क्षेत्रों के लोगों को शिक्षा, नौकरी के लिए बाहर क्यों जाना पड़ता है? कोई अच्छी चिकित्सा सुविधा या शैक्षणिक संस्थान क्यों नहीं है?’

केंद्रशासित प्रदेश बनाने की मांग
केंद्रीय मंत्री जॉन बारला में विवादों में घिर गए थे क्योंकि उन्होंने उत्तर बंगाल के सभी जिलों को मिलाकर एक केंद्रशासित प्रदेश बनाने की मांग की थी। उस वक्त घोष ने कहा था कि बारला ने निजी तौर पर यह टिप्पणी की है और भाजपा इसके पक्ष में नहीं है। बारला द्वारा उत्तर बंगाल के लिए केंद्रशासित प्रदेश बनाने की मांग के बाद भाजपा के सांसद सौमित्र खान ने पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर, बांकुड़ा और पुरुलिया जिलों के वन क्षेत्रों को मिलाकर जंगलमहल को अलग राज्य बनाने की मांग की थी।

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