भारत के सैन्य इतिहास में 16 दिसम्बर वीरता व पराक्रम का ऐतिहासिक दिन: सीएम धामी 

देहरादून। हर साल हमारे देश में 16 दिसंबर के दिन को विजय दिवस के तौर पर मनाया जाता है। साल 1971 में इस दिन ही भारत ने पाकिस्तान को युद्ध में हराया था। साल 1971 में भारत की सेना के आगे पाकिस्तान की फौज ने घुटने टेक दिए थे और बांग्लादेश को आजादी मिली थी। इस साल देश में विजय दिवस की 50वीं वर्षगांठ मनाई जा रहा है और इस मौके पर कई सारे नेताओं ने देशवासियों को विजय दिवसश् की हार्दिक शुभकामनाएं दी है।

16 दिसंबर 1971 की ऐतिहासिक जीत की खुशी आज भी हर देशवासी के मन को उमंग से भर देती है। इस दिन को हमलोग विजय दिवस के रूप में मनाते हैं। इसी दिन भारत ने पाकिस्तान के दांत खट्टे किए थे। 16 दिसंबर का दिन सैनिकों के शौर्य को सलाम करने का दिन है। इस मौके पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर स्वर्णिम विजय मशालों के स्वागत समारोह में  भाग लिया। पिछले साल प्रधानमंत्री द्वारा प्रज्वलित इन चार मशालों को देश भर में सियाचिन से कन्याकुमारी, अंडमान निकोबार से लोंगेवाला, रण कच्छ और अगरतला तक घुमाया गया था।

वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को विजय दिवस के अवसर पर गांधी पार्क देहरादून में शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कहा है कि भारत के सैन्य इतिहास में 16 दिसम्बर वीरता व पराक्रम का ऐतिहासिक दिन है। मुख्यमंत्री ने देश की एकता एवं अखंडता के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले जवानों को नमन करते हुए कहा कि हमारे इन जवानों की वजह से सभी चौन की नींद सोते हैं। देवभूमि उत्तराखंड की सदैव देशभक्ति व राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमेशा देश के सैनिकों का मनोबल बढ़ाने का कार्य किया है।
इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, विधायक खजानदास, जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आर राजेश कुमार भी उपस्थित थे।

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