गैरसैंण: कौशल विकास और आजीविका संबर्धन को लेकर उपाध्यक्ष ग्राम्य विकास डॉ एसएस नेगी की अध्यक्षता में हुई बैठक

आज गैरसैंण विकासखंड सभागार में प्रस्तावित ‘‘सेंटर फाॅर एक्सीलेंस’’ की स्थापना , कौशल विकास और आजीविका संबर्धन को लेकर उपाध्यक्ष ग्राम्य विकास और पलायन आयोग डॉ एसएस नेगी की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई। जिसमें सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तहत कौशल विकास और विभिन्न व्यवस्थाओं की रूपरेखा पर चर्चा की गई। ग्राम्य विकास और पलायन आयोग उपाध्यक्ष डॉ एसएस नेगी ने कहा कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थानीय स्तर पर लोगों की आर्थिकी में सुधार , कौशल विकास की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन को रोकने और लोगों की आर्थिकी में सुधार की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश में स्थापित किए जा रहे विभिन्न रूरल ग्रोथ सेंटर भी लोगों की आर्थिकी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के असीमित अवसर होने के बावजूद अक्सर योग्य और सक्षम युवाओं के सामने रोजगार की समस्या रहती है।
मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे ने बैठक में क्षेत्र में भूजल रिचार्ज के लिए किये गये कार्यों और जनपद में संचालित ग्रोथ सेंटर, आजीविका और स्वयं सहायता समूहों के बारे में जानकारी दी। जिसकी पलायन आयोग ने सराहना करते हुए कहा कि गैरसैंण में कौशल विकास का एक एक्सलैंस केंद्र बनाया जा रहा है, जिसमें अल्मोड़ा, रूद्रप्रयाग, चमोली आदि तीन चार जनपद के युवक युवतियों को अंतराष्ट्रीय संस्था यूएनडीपी के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिसमें उत्पादन से लेकर विपणन की व्यवस्थाओं की जानकारी दी जाएंगी। बैठक में विकासखंड गैरसैंण, थराली और कर्णप्रयाग में आजीविका मिशन ,अन्य कार्यक्रमों के अन्तर्गत संचालित स्वयं सहायता समूहों, ग्रोथ सेंटर एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना पर भी चर्चा की गई। इस दौरान मुद्रा लोन, कन्वर्जेस योजना, फाइनेंशियल लिटरेशी कैम्पेन सहित विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी दी गई।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने 9 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस पर भराड़ीसैंण (गैरसैंण) स्थित विधानसभा के प्रांगण से गैरसैंण में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की घोषणा की थी। इस सेंटर के माध्यम से उद्यमिता विकास और आजीविका बढ़ाने के उद्देश्य से प्रशिक्षण दिए जाएंगे। शुरुआत में यहां यूएनडीपी से संबंधित प्रशिक्षण देने का निश्चय किया गया है। सरकार की कोशिश है कि यह सेंटर जल्द से जल्द आकार ले ले। गैरसैंण में यह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस यूएनडीपी के सहयोग से बनाया जायेगा। इसमें लोगों को उद्यमिता विकास एवं आजीविका बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण दिये जायेंगे। शुरूआती चरण में यूएनडीपी द्वारा इससे संबंधित प्रशिक्षण दिए जायेंगे। सीडीओ ने पलायन आयोग के अध्यक्ष को स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार किए गए केदारनाथ मंदिर का सुंदर मॉडल भेंट करने के साथ ही कार्यक्रम का समापन किया गया। बैठक में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के तकनीकि सलाहकार डॉ नरेन्द्र सिंह, कौशल विकास मिशन के परियोजना निदेशक डॉ आर. राजेश कुमार (आईएएस) और मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे सहित अन्य मौजूद रहे।

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