पिथौरागढ़ को एप्पल बेल्ट के रूप में विकसित करने की कवायद तेज, यहां की जलवायु सेब उत्पादन के अनुकूल

पिथौरागढ़। पिथौरागढ़ बॉर्डर जिले में सेब उत्पादन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। जिसे देखते हुए अब उद्यान विभाग ने ऊंचाई वाले इलाकों को एप्पल बेल्ट के रूप में विकसित करने की कोशिशें तेज कर दीं हैं। एप्पल बेल्ट को तैयार करने के लिए बकायदा उत्तरकाशी के सेब उत्पादकों की मदद भी ली जा रही है।

उत्तराखंड में उत्तरकाशी में सबसे अधिक सेब का उत्पादन होता है। हाई क्वालिटी का सेब पैदा करने के कारण उत्तरकाशी में हजारों लोगों को रोजगार तो मिला ही है, साथ ही एक पहचान भी मिली है। उत्तरकाशी की तर्ज पर ही अब पिथौरागढ़ को भी ऐप्पल बेल्ट के रूप में विकसित करने की कवायद तेज हो रही है। पिथौरागढ़ के किसानों को सेब पैदा करने की आधुनिक तकनीक उत्तरकाशी के सेब उत्पादक दे रहे हैं। उत्तरकाशी के सेब उत्पादक मिंटू राणा का कहना है कि पिथौरागढ़ में सेब उत्पादन की सबसे अधिक सम्भावनाएं हैं। इस दिशा में अगर वैज्ञानिक तरीके से काम किया जाए तो कुछ सालों में ही बेहतर नतीजे सामने आ जाएंगे।

उत्तराकाशी भेजे जाएंगे चुनिंदा कास्तकार
उत्तरकाशी के सेब उत्पादकों की मानें तो पिथौरागढ़ की जलवायु सेब उत्पादन के अनुकूल है। यही नहीं बर्फीले इलाके तो ए ग्रेड का सेब आसानी से पैदा कर सकते हैं। पिथौरागढ़ के कुछ इलाकों में कास्तकारों ने निजी प्रयासों से सेब उगाने में सफलता भी पाई है। लेकिन अब पहली बार सरकारी स्तर पर इस दिशा में कुछ हलचल दिखाई दे रही है। उद्यान विभाग चुनिंदा सेब उत्पादकों को उत्तरकाशी भेजने का प्लान भी बना रहा है। पिथौरागढ़ के जिला उद्यान अधिकारी आरएस वर्मा ने बताया कि जिले में अभी तक सेब उत्पादन के क्षेत्र में नहीं के बराबर काम हुआ है। लेकिन अब जो कोशिशें की जा रही हैं, उससे उम्मीद दिखाई दे रही है।

पहाड़ों में बिखरी जोत भी है बड़ी समस्या
पहाड़ों में बड़े स्तर पर सेब उत्पादन की राह में बिखरी जोत सबसे बड़ा रोड़ा है। ऐसे में जरूरी है कि सरकारी तंत्र को सबसे पहले इस समस्या का समाधान खोजना होगा। अगर ये सम्भव हुआ तो, तय है कि पिथौरागढ़ में बेहिसाब सेब तो पैदा होगा ही, साथ लोगों को अपने घर पर ही रोजगार भी मिल सकेगा।

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