प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में गांवों को मिली कनेक्टिविटी ,पीएमजीएसवाई में पिछले पौने चार साल में हुुआ तेजी से काम: मुख्यमंत्री

रुद्रप्रयाग में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रेसवार्ता करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने कनेक्टिविटी पर काफी काम किया है। पीएमजीएसवाई के अंतर्गत उत्तराखंड राज्य में पूर्व से निर्मित मार्गों में कई स्थानों पर सेतुओं का निर्माण न होने के कारण स्थानीय ग्रामीणों को आवागमन में भारी कठिनाई होती थी। इन सेतुओं की स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री द्वारा व्यक्तिगत तौर और पत्राचार के द्वारा भी निरंतर भारत सरकार के ग्रामीण मंत्रालय और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से अनुरोध किया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में भारत सरकार द्वारा इन स्थानों पर 127 सेतुओं के निर्माण और उन पर 330 करोड़ की सैद्धांतिक स्वीकृति मिल चुकी है। साथ ही पीएमजीएसवाई-1 के अंतर्गत पूर्व में निर्मित 121 कच्चे मार्गों के डामरीकरण के लिए 530 करोड़ की भारत सरकार द्वारा सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।

इस तरह से स्टेज-2 के तहत 860 करोड़ की लागत के कुल 248 कार्यों के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त होने से उक्त मार्गों पर पूर्व में किया गया खर्च भी सार्थक होगा और ये सड़कें पक्की बन जाएंगी। इससे ग्रामीण लोगों का आवागमन सरल होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में हमें 15 वें वित्त आयोग से पीएमजीएसवाई के तहत 2,322 करोड़ रूपए की की संस्तुति की गई है। आसाम के बाद पीएमजीएसवाई में उत्तराखण्ड को सर्वाधिक राशि स्वीकृत हुई है। आपको बतादें वर्ष 2000 से लेकर मार्च 2017 तक राज्य में पीएमजीएसवाई के तहत 10,263 किलोमीटर लंबाई के संपर्क मार्गों की स्वीकृति मिली, इसके लिए 4001 करोड़ की राशि स्वीकृत हुई थी। इसके सापेक्ष 7,529 किलोमीटर लंबाई की सड़क मार्ग का कार्य पूरा किया गया। इस पर 2810 करोड़ की राशि खर्च हुई। जबकि स्वीकृत 1,299 बसावटों के सापेक्ष 955 बसावटों को संपर्क मार्ग से जोड़ा गया। कुल स्वीकृत 573 बसावटों के सापेक्ष लक्ष्य से ज्यादा 645 बसावटों को सड़क मार्ग से जोड़ा गया। साथ ही इसी वित्तीय वर्ष 2020-21 में आज की तिथि तक पीएमजीएसवाई के तहत बनने वाली सड़कों पर 822 करोड़ की राशि खर्च कर 1800 किलोमीटर लंबाई में मार्गों का निर्माण किया गया है।

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