मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने की जल जीवन मिशन के तहत जिलों में संचालित कार्यो की समीक्षा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज जिलाधिकारियों के साथ वीडियों काॅन्फ्रेसिंग के माध्यम से जल जीवन मिशन के तहत जिलों में संचालित कार्यो की समीक्षा की। उन्होंने दिसंबर तक सभी स्कूलों और आंगनबड़ी केन्द्रों में पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल लाइन बिछाने के दौरान निर्धारित मानकों का पूरी तरह से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को जल जीवन मिशन कार्यो की नियमित निगरानी भी करने को कहा। जल संस्थान और जल निगम को प्रत्येक दिन का लक्ष्य निर्धारित करते हुए जल जीवन मिशन के तहत निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने वीसी में मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि जल जीवन मिशन के तहत जिले में 790 कार्यो में से 738 कार्यो के आंगणन बन चुके है। जिसमें से 690 आंगणन पास हो चुके है और इन सभी के टैण्डर भी कर दिए गए है। 55 कार्यो के वर्क आर्डर जारी किए जा चुके है और 61 के वर्क आर्डर आज जारी होंगे। जिलाधिकारी ने बताया कि 2.50 लाख से अधिक के कार्यो के लिए एसई जल संस्थान से स्वीकृति लेनी पडती है और एसई जल संस्थान हरिद्वार में बैठते है। जिससे वर्क आर्डर जारी करने पर थोड़ी देरी हो रही है। जिस पर मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को एसई जल संस्थान को प्रत्येक सप्ताह श्रीनगर में भी बैठने के लिए निर्देश जारी करने को कहा। ताकि कार्यो में अनावश्यक देरी न हो।
जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में 1,334 स्कूल है। जिसमें से 49 मे पेयजल कनेक्शन नही थे। इनमें से 11 स्कूलों में पेयजल कनेक्शन लगाए जा चुके है और 38 स्कूलों में कनेक्शन लगाने का कार्य जारी है। इसके अलावा 301 आंगनबाडी में कनेक्शन नही थे। कुछ आंगनबाडी केन्द्रों में जिला योजना से पेयजल कनेक्शन दिए जा चुके है और 296 में पेयजल कनेकशन लगाने कार्य चल रहा है। जिले में 88 गांव जल जीवन मिशन के तहत कवर हो चुके है और 104 गांवों के लिए आंगणन बनने शेष है। पिछले 10 अक्टूबर के बाद से लगभग 500 आंगणन पास किए गए है और जल्द ही इनमें धरातल पर प्रगति दिखेगी। मुख्यमंत्री ने जल जीवन मिशन के तहत किए जा रहे कार्यो पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए जिला प्रशासन के कार्यो की सराहना भी की। वीसी में मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे सहित जल संस्थान, जल निगम, शिक्षा, आइसीडीएस आदि विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

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