नैनीताल: रामनगर में कोविड की जांच के नाम पर एक सरकारी अस्पताल में जबर्दस्त फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां सेना में भर्ती होेने वाले युवकों को कोविड की जांच के नाम पर फर्जी रिपोर्ट दे दी गई। इस मामले के प्रकाश में आने के बाद स्वास्थ्य महकमा सकते में है और आरोपी कर्मचारी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि लगभग 100 से 150 युवकों को बिना जांच के फर्जी कोविड रिपोर्ट सौंपी गयी है। इसके बदले चिकित्सालय कर्मियों की ओर से प्रत्येक युवक से 500 से 1000 रूपये वसूलने की बात सामने आयी है। फर्जीवाड़े का आरोप रामनगर के सरकारी संयुक्त चिकित्सालय पर लगा है जो कि प्रदेश सरकार की ओर से इसी साल जुलाई में उप्र धामपुर की शुभम सर्वणम नामक कंपनी को पीपीपी मोड़ पर सौंप दिया गया था। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब सेना में भर्ती के लिये युवकों को निशुल्क प्रशिक्षण देने वाली गैर सरकारी संस्था यूथ फाउंडेशन के पदाधिकारियों की ओर से युवाओं के दस्तावेजों की जांच की जा रही थी। इन युवाओं को आने वाले दिनों में पौड़ी के कोटद्वार में सेना की भर्ती में प्रतिभाग करना था और उन्होंने सेना की भर्ती में शामिल होने के लिये कोविड की जांच करायी थी। इस फर्जीवाड़े के सामने आने के बाद फाउंडेशन के पदाधिकारी मंगल सिंह की ओर से इस मामले की जानकारी तत्काल रामनगर के सामाजिक कार्यकर्ता गणेश रावत और तेजेश्वर घुघुत्याल को दी गयी। उन्होंने रामनगर के उप जिलाधिकारी विजयनाथ शुक्ल से बात की और आवश्यक कार्यवाही का अनुरोध किया। श्री शुक्ल ने रामनगर क्षेत्र के नोडल अधिकारी (कोविड) डा0 प्रशांत कौशिक से बात कर मामले की जांच के निर्देश दिये।