खनन मामला : कोर्ट ने पूर्व मंत्री रेड्डी को कर्नाटक के बेल्लारी जाने की अनुमति दी

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने खनन मुगल और कर्नाटक के पूर्व मंत्री गली जनार्दन रेड्डी को आठ सप्ताह के लिए बेल्लारी में अपने पैतृक गांव जाने की अनुमति बृहस्पतिवार को दे दी। गौरतलब है कि 2015 में खनन के एक मामले में रेड्डी को जमानत देने के साथ ही न्यायालय ने उनके बेल्लारी जाने पर पाबंदी लगायी थी।

न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी ने जमानत के पुराने आदेश में कुछ बदलाव करते हुए रेड्डी को आठ सप्ताह के लिए कर्नाटक में कडपा और आंध्र प्रदेश में अनंतपुर जाने की भी अनुमति दी है। पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए और चूंकी इसकी सुनवाई अभी तक शुरू नहीं हुई है और यह देखते हुए कि याचिकाकर्ता ने बेल्लारी जाने के दौरान भी जमानत की शर्तों का कभी उल्लंघन नहीं किया, निर्देश दिया जाता है कि इन तीन जगहों पर नहीं जाने संबंधी जमानत आदेश में बदलाव किया जाए।’’

शीर्ष अदालत ने उन्हें निर्देश दिया कि वह आदेश में हुए बदलावों से अपने पैतृक जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को अवगत कराएं और इसके साथ ही मामले को नवंबर के तीसरे सप्ताह में सूचीबद्ध कर दिया।

पीठ ने कहा, ‘‘हमारे अनुसार निचली अदालत को सुनवाई जल्दी शुरू करने के लिए हर संभव प्रयास करने चाहिए।’’

करोड़ों रुपये के अवैध खनन मामले में आरोपी रेड्डी 2015 से जमानत पर जेल से बाहर हैं और शीर्ष अदालत ने कर्नाटक में बेल्लारी, आंध्र प्रदेश में अनंतपुर और कडपा जाने पर प्रतिबंध लगाने जैसी कड़ी पाबंदियां उनपर लगा रखी हैं।

हालांकि, सीबीआई ने रेड्डी की अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि उन्हें बेल्लारी जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि क्षेत्र में उनका काफी प्रभावी है और वह जांच को प्रभावित कर सकते हैं।

जांच एजेंसी ने कहा, ‘‘उन्होंने कई अर्जियां दी हैं, पुलिस सुरक्षा में रखे गए गवाहों को धमकियां दी गई हैं और वाहनों को आग लगाया गया है। मामले में 40 से ज्यादा गवाह हैं। हमें नहीं पता है कि अगर उन्हें क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति दी गई तो क्या होगा।’’

रेड्डी को तीन साल से ज्यादा समय तक जेल में रहने के बाद जनवरी 2015 में उच्चतम न्यायालय ने सशर्त जमानत दे दी थी।

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